ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
ऊँ- परब्रह्मा
भूः - भूलोक, पृथ्वी
भुवः - अंतरिक्ष लोक
स्वः - स्वर्गलोक
त - परमात्मा , सवितुः - ईश्वर अथवा सृष्टि कर्ता
वरेण्यम - पूजनीय
भर्गः - अज्ञान तथा पाप का निवारण करने वाला
देवस्य - ज्ञान स्वरुप भगवान का
धीमहि - हम ध्यान करते हैं
धियो - बुद्धि प्रज्ञा
योः - जो
नः - हमें
प्रचोदयात् - प्रकाशित करें ।
उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।