Type Here to Get Search Results !

custum trend menu

Stories

    गायत्री मन्त्र : हिन्दी अर्थ सहित


     ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।। 


     


    ऊँ- परब्रह्मा
    भूः -  भूलोक, पृथ्वी
    भुवः - अंतरिक्ष लोक
    स्वः - स्वर्गलोक
    त - परमात्मा , सवितुः - ईश्वर अथवा सृष्टि कर्ता
    वरेण्यम - पूजनीय
    भर्गः - अज्ञान तथा पाप का निवारण करने वाला
    देवस्य - ज्ञान स्वरुप भगवान का
    धीमहि - हम ध्यान करते हैं
    धियो -  बुद्धि प्रज्ञा
    योः -  जो
    नः - हमें
    प्रचोदयात् - प्रकाशित करें ।

    उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।